ये हैं भारत के सबसे जहरीले सांप, जिनका एक बूंद जहर ले सकता है कई लोगों की जान
ये हैं भारत के सबसे जहरीले सांप, जिनका एक बूंद जहर ले सकता है कई लोगों की जान
Venomous Snakes भगवान शिव का आभूषण माना जाता है सर्प। समस्त नागवंशों की पूजा करने और उनके जीवन के प्रति सम्मान व्यक्त करने का दिन है नाग पंचमी। सावन माह में पड़ने वाली इस तिथि का अपना महत्व है।
Abhishek gangotri। भारत में सांपों की करीब 275 प्रजातियों का निवास है, जो धरती पर किसी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है। देशभर में किसी भी इलाके में आप निकल जाइये, कोने-कोने में आपको वाइपर, कोबरा और क्रेट्स जैसी प्रजातियां मिलेंगी जो समुद्रों और रेगिस्तानों से लेकर हिमालयी पर्वतीय श्रृंखलाओं तक में पायी जाती हैं। इन सांपों को लेकर तरह-तरह के डर, मिथक और रीति-रिवाज आम हैं। भारत में पाए जाने वाले सांपों में से ज्यादातर तो जहीरीली नहीं होतीं या फिर कम जहरीली होती हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनका जहर इतना घातक होता है कि कई लोगों की जान ले ले। ऐसे में भारत में पाए जाने वाले कुछ सबसे जहरीले सांपों के बारे में जानना बेहद दिलचस्प होगा। आए जानें ऐसे ही सांपों की कुछ प्रजातियों के बारे में...
किंग कोबरा : करीब साढ़े पांच मीटर लंबाई तक बढऩे वाला यह सांप अपने एक ही वार में काफी अधिक मात्रा में जहर छोड़ता है, यह दुनिया का सबसे बड़ा जहरीला सांप है। प्राय: यह दूर-दराज के उन जंगलों में पाया जाता है जहां बाहरी छेड़छाड़ नहीं होती और दूसरे सांपों को अपना शिकार बनाता है। इसका लैटिन नाम ओफियो फैगसहाना है यानी सर्पभक्षी। किंगकोबरा के फन अंगुलियों की छाप की तरह होतेहैं, हरेक दूसरे से फर्क।
रसल्स वाइपर : यह काफी जहरीला सांप होता हैऔर पूरे भारतभर में आम है लेकिन खासतौर से तमिलनाडु में बाड़ और खेतों के मुंढेरों पर ज्यादा दिखता है। यह ज्यादातर निशाचर होता है और घात लगाकर अपने शिकार पर वार करता है तथा अपनी त्वचा की बनावट के चलते खुद पकड़ में आने से बचा रहताहै। रसल सांप में एक खास किस्म का विष होता है जो एक जटिल किस्म का जहर है और जो कोशिकाओं का तेजी से विघटन इस प्रकार करता है जिससे रक्त जमाने में महत्वपूर्णतत्व नष्ट हो जाते हैं। इसका काटना भी काफी पीड़ादायक होता है।
स्पैक्टेकल्ड कोबरा : दक्षिण भारत इस प्रकार के सांपों का घर है और ये भारत में पायी जाने वाली चार सबसे आम प्रकार के कोबरा प्रजाति में से एक है। आमजन इससे काफी खौफ खाता है और यहां तककि पूरे उपमहाद्वीप में इसकी पूजा भी की जाती है। इस सांप के डसने से न्यरोटाक्सिक जहर शहरी में फैलता है जो लकवा का कारण बनता है और यदि इलाज न किया जाए तो इससे मौत तक हो सकती है। बेशक, यह सांप रसल्स वाइपर जितना जहरीला नहीं होता, लेकिन देश में सांप के डसने से मरने वाले 30 फीसद लोग इसी के विष से मरते हैं।
साफ्ट स्केल्ड वाइपर : बहुत से दूसरे वाइपर सांपों की तरह इसकी त्वचा भी ऐसी होती है जो इसे प्राकृतिक वातावरण में पूरा छिपाकर रखती है और यह भी घात लगाकर हमला करने वाला जीवहै। यह देशभर में पाया जाताहै। हालांकि यह रात में सबसे ज्यादा सक्रिय होताहै, लेकिन प्राय: सवेरे की कुनकुनाती धूप का आनंद लेना भी इसे पसंद है और वही वक्त होता है जब यह इंसानों के संपर्क में आता है। इसका जहर शरीर में रक्त के थक्के जमाने वाले तत्वों पर हमला करता है जिसके चलते दांतों और मसूढ़ों से खून बहने लगता है। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके दुनिया में इस सर्वाधिक साफ्ट स्केल्ड वाइपर के मूल निवास स्थान हैं। ये सांप दक्षिण भारत में पायी जाने वाली सांप की प्रजातियों के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक लंबे होतेहैं।
कामनक्रेट : यह आक्रामक जीवन नहीं है लेकिन भड़काने पर यह काट सकता है और अपना जहर भी उड़ेलता है जिससे नींद आती है और श्वसनतंत्र बेकार पड़ सकता है, इस तरह इस सांप के डसे जाने पर एंटीवेनिन नहीं लेने वाले लोग मौत की नींद सो सकते हैं। के्रट की औसत लंबाई चार फुट होती है, यह छोटी छिपकलियों के अलावा दूसरे क्रेट और अन्य सांपों को भी अपना शिकार बनाता है। इस सांप ने सोते हुए लोगों को अपना शिकार बनाने वाले सांप के तौर पर अपनी पहचान बनायी है। इसका शक्तिशाली, न्यूरोटाक्सिक जहर लकवा का कारण बनता है और इलाज न कराने पर मौत भी हो सकतीहै।
पैटवाइपर : एक जहरीला सांप है जिसे सिर के दोनों ओर, आंख और नासिका छिद्र के बीच गहरा गड्ढा बना होता है। ये गड्ढे ताप को लेकर काफी संवेदी होते हैं और सांप को पक्षियों तथा चूहों जैसे समतापी जीवों का पता लगाने में मददगार होते हैं। इसके ऊपरी जबड़े में लगे विषैले दांत सांप के काटने से पहले ही बाहर आ जाते हैं। हर विषैले दांत में जहर भरा होता है।
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